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हर दिन संस्कृत का एक श्लोक सीखें महानायक आज़ाद

Writer: RashtraputraRashtraputra

महनायक आज़ाद द बॉम्बे टॉकीज़ स्टूडिओज़ में पत्रकारों को साक्षात्कार देते हुए

अहम् ब्रह्मास्मि के अपार सफलता के बाद संस्कृत पुनरूत्थान के महानायक मेगास्टार आज़ाद ने आज राम मंदिर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया और कहा की इस सबसे बड़े विवाद के निपटने के बाद अब भारत का नवनिर्माण होगा | आज़ाद ने आगे कहा कि हर सनातनी अपने पुरातन काल से जुड़े रहने और सनातन परंपरा बनाये रखने के लिए , हर दिन संस्कृत का एक श्लोक याद करें औरअपनी परंपरा को मज़बूत बनाएँ ..

संस्कृत को जनभाषा बनाना ही मेरा एक मात्र लक्ष्य है...


परैरुक्तगुणो यस्तु, निर्गुणोSपि गुणी भवेत्,

इन्द्रोSपि लघुतां याति, स्वयं प्रख्यापितैर्गुणै:|


अर्थात- यदि अन्य लोग किसी को गुणवान कहते हैं तो वह व्यक्ति गुणहीन होते हुए भी गुणवान समझा जाता है| परन्तु यदि कोई व्यक्ति स्वयं ही अपने गुणों का वर्णन करता है तो चाहे वह स्वयं देवताओं का राजा इन्द्र ही क्यों न हों, वह अपनी गरिमा खो देता है |


कालजयी फिल्म अहम् ब्राहमस्मि का पोस्टर

कांन्स फिल्म फेस्टिवल फ्रांस में सम्मानित फिल्म राष्ट्रपुत्र


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